क्या महिलाओं की भावनाओं से खेल रही है कांग्रेस?
चुनाव से पहले माई बहिन सम्मान योजना और राहुल गांधी के फोटो वाले पैड्स — वोट की राजनीति या सच्चा सम्मान?
पटना 5 जुलाई। बिहार में चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों ने वोट बैंक को साधने के लिए घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। खासकर महिलाओं को लेकर पार्टियों का रुझान अचानक संवेदनशील हो गया है। कांग्रेस ने हाल ही में “माई बहिन सम्मान योजना” की घोषणा की, जिसके तहत हर महिला को हर महीने ₹2500 देने का वादा किया गया है।
लेकिन सवाल ये है —
क्या ये आर्थिक मदद है या चुनावी लॉलीपॉप?
इतना ही नहीं, कांग्रेस अब सेनेटरी पैड्स भी बंटवा रही है, जिन पर राहुल गांधी की तस्वीर छपी हुई है।
क्या महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता है या सिर्फ ब्रांडिंग और प्रचार का नया तरीका?
जनता पूछ रही है:
अगर महिलाओं का सम्मान इतना ही जरूरी था तो क्या ये योजनाएं चुनाव से पहले ही क्यों आईं?
सेनेटरी पैड्स पर नेताओं की तस्वीरें छापना क्या महिलाओं की गरिमा का अपमान नहीं?
क्या ये योजनाएं चुनाव के बाद भी टिकेंगी या फिर वादा कर भूल जाने की पुरानी परंपरा दोहराई जाएगी?
राजनीतिक दलों को यह समझना होगा कि महिलाओं को केवल वोट बैंक समझना अपमानजनक है। उन्हें सम्मान चाहिए, स्थायित्व चाहिए, न कि चुनावी झुनझुना।
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