बिन बरसात के मनाया हरियाली अमावस्या का पर्व

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चित्तौड़गढ़। सावन मास के प्रथम त्यौहार के रूप में हरियाली अमावस्या पर्व को जिले के हजारों लोगों ने उत्साह के साथ मनाया। विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक दुर्ग पर जिले के विभिन्न क्षेत्रों से सोमवार को सवेरे से ही मेलार्थियों का रेले के रूप में आना प्रारम्भ हो गया जिनकी दिनभर भीड़़ बढ़ती रही, दुर्ग के विजय स्तम्भ, कालिका माता, नीलकण्ठ महादेव, कीर्ति स्तम्भ सहित अन्य स्मारकों के परिसर में भी बड़ी संख्या में लोग सामूहिक गौठ करते देखे गए।

वहीं दुर्ग भ्रमण के लिए आये देशी-विदेशी पयर्टको ने भी हरियाली अमावस्या के पर्व पर लोगों की भारी भीड़ और उत्साह को देखते हुए उनकी तस्वीरें अपने कैमरे में कैद करते हुए इस पर्व के महत्व के बारे में लोगों से जानकारी लेने में रूचि ली। हालांकि इस वषर् बरसात कम होने से नदी नाले, बांध, तालाबों में पानी की कमी से लोग नहाने का लुत्फ नहीं लेने से मायूस से नजर आये। प्रायः हरियाली अमावस्या पर रिमझिम वर्षा होती रही है, लेकिन इस बार बादलों की बेरूखी के चलते लोगों को बिन वर्षा सावन का पहला त्यौहार मनाना पड़ा।

दुर्ग पर उमडी भीड़ के अनुरूप पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किये गये थे जिसके फलस्वरूप दुर्ग के प्रथम प्रवेश द्वार पाडनपोल के बाद वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा देने से दुर्ग पर जाने वाले हजारों लोगों की भीड़ से ऐसी अनुभूति हुई मानो एक बार फिर दुर्ग घनी आबादी से घिर गया हो। हरियाली अमावस्या के पर्व पर हजारों लोगों ने दुर्ग दर्शन कर प्रकृति का आनंद उठाया।

धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों पर उमड़ा सैलाब

इसी प्रकार मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्णधाम मण्डफिया स्थित श्री सांवलिया जी में भी अमावस्या के मेले में अपार जन सैलाब उमड़ा जहां भक्तों को दर्शनों के लिए लम्बी कतारों में घण्टों प्रतीक्षा करनी पड़़ी, दूसरी और जिले के प्राकृतिक एवं सुरम्य स्थल मेनाल, जोगणियां माता, संगम महादेव, नीलिया महादेव, झरिया महादेव, केलझर महादेव के झरनों के समीप बड़ी संख्या में लोगों ने हरियाली के बीच आमोद-प्रमोद के साथ यह पर्व मनाया वहीं मातृकुण्डियां, धनेश्वर महादेव, सगरा माता, ऐलवा माता, मरमी माता, आवरी माता, झूणजी बावजी सहित कई धार्मिक स्थलों पर भी लोगों की भारी भीड़़ जुटी जबकि गंभीरी बांध, बस्सी बांध, ओराई बांध, डोराई बांध, बाडी मानसरोवर, घोसुण्डा बांध तथा गंभीरी और बेड़च नदियों के एनिकट के किनारे भी लोग पिकनिक मनाते और मौज-मस्ती करते नजर आये। हालाकि इस वर्ष वर्षा के अभाव में लगभग सभी बांध और तालाब खाली पडे है लेकिन अमावस्या के दिन प्रकृति के साथ आनंद उठाते हुए स्नेहभोज किया।

पुलिस और प्रशासन रहा चाक चौबंद

हरियाली अमावस्या पर्व पर पिछले वर्षो में हुई डूबने की घटनाओं के मद्धेनजर इस बार जिला एवं पुलिस प्रशासन पूरी तरह चाकचौबंद रहा जिसके फलस्वरूप दुर्ग पर चोपहिया वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाते हुए किसी भी प्रकार की अनहोनी घटना को रोकने तथा कानून एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस का जाब्ता तैनात रहा वहीं बांधो, जलाशयों और झरनों के समीप भी पुलिस द्वारा कड़ी निगरानी की गई जिसके फलस्वरूप इन स्थलों पर जाने वाले लोगों को कड़ाई के साथ पानी में जाने से रोका गया, जिसके फलस्वरूप सौभाग्य से इस वर्ष ऐसी कोई अनहोनी नहीं हुई।

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