छात्र संघ चुनावो पर रोक लगाना सरकार की हताशा: विधायक आक्या

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चित्तौड़गढ़। प्रदेश में छात्र संघ चुनावों पर रोक लगाना सरकार की हताशा को दर्शाता है। विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा छात्र संघ चुनावो पर रोक लगाने को लोकतंत्र पर कुठाराघात बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार, महिला अत्याचार, पेपर लीक सहित विभिन्न प्रकरणो में बुरी तरह घिरी हुई है ओर इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावो में अपनी पराजय निश्चित देख सरकार ने छात्र संघ चुनावो पर रोक लगाई है।

विधायक आक्या ने कहां की गत वर्ष आयोजित छात्र संघ चुनावो में राजस्थान के किसी भी विश्वविद्यालय में कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई को सफलता नहीं मिली थी। चित्तौडगढ विधानसभा के भी दोनों महाविद्यालयो महाराणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय जिसमें 5000 से अधिक विद्यार्थी नियमित रूप से अध्ययन करते हैं व कन्या महाविद्यालय में गत 5 वर्षों से युवाओं ने कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई छात्र संगठन को स्वीकार नहीं किया है।

विधायक आक्या ने कहा कि छात्रसंघ महाविद्यालयो व विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के हितों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिये छात्र संघ चुनावों पर रोक लगाने को किसी भी दृष्टि से सही नही कहा जा सकता है। सरकार के इस निर्णय से सम्पूर्ण प्रदेश के महाविद्यालयो में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में भारी आक्रोश है। यह निर्णय कांग्रेस सरकार की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता को बताता है। गहलोत सरकार ने प्रदेश के युवाओं और विद्यार्थियों के साथ विश्वासघात किया है। प्रदेश सरकार का छात्रसंघ चुनावो पर रोक लगाने का यह निर्णय स्वयं सरकार के लिये ही हानिकारक साबित होगा।

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