चार मीनारा मस्जिद में शानो शौकत से मनाई 27वीं शब

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चित्तौड़गढ़। रमजान के पाक महीने बरकतों में सबसे अफजल मानी जाने वाली शबे कद्र की रात अकीदत और एहतराम से बिताई गई। इस अवसर पर मस्जिदों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया। मस्जिदों में कुरान मुकम्मल होने पर इमामो की दस्तारबंदी की गईं।

रमजानुल मुबारक की 27वीं शब लैलतुल कद्र को शहर के रेलवे स्टेशन स्थित चार मीनारा मस्जिद में बड़े एहतराम के साथ मनाया गया। यहां पूरे माह में मस्जिद के पेश इमाम हाफिज शमशाद कादरी सा. की इमामत में रमजान माह की विशेष नमाज तरावी अदा करवाई गई। जिसमें पूरी कुरान शरीफ सुनाई गई। 27वीं शब की रात मस्जिद में विशेष फातिहा ख्वानी भी हुई जिसके बाद नमाजियों को तब्बूरक तकसीम किया गया। जिसके बाद पेश इमाम साहब शमशाद कादरी को युवा जमात की ओर से मस्जिद से घर तक जुलूस के रूप में नात शरीफ पढ़ते हुए छोड़ने गए। इस दौरान मस्जिद के सदर महबूब खान, नायब सदर यूसुफ कुरेशी, मोहम्मद यूसुफ भैया,मोहम्मद इस्माइल मंसूरी, मोहम्मद कुरेशी, शकील माड़साहब, आबिद खान, यूनुस खान, नारू खान, साजिद खान,जाहिद हुसैन, मोइन खान, मोहम्मद हुसैन,शाहबाज खान  सहित कई युवा भी जुलूस में शामिल रहे।

मस्जिदों, दरगाहों में पूरी रात की इबादत

रोजा खोलने के बाद इबादतगार तरावीह की नमाज के लिए मस्जिदों में पहुंचने लग यहां पर ईमान केद्वारा ईशाकी नमाज रमजान माह में पढ़ाई जाने वाली विशेष नमाज तरावीह की नमाज अदा करवाई गई, जिसके बाद इमाम साहब की दस्तारबंदी करवाई गई। जिसके बाद फिर से नमाजी व इबादतगार मस्जिदों व दरगाहों में पहुंचे और पूरी रात नफ्ल नमाज के साथ कुरान शरीफ तिलावत की व रो रो कर दुआएं मांगी। इस मुकद्दस रात के शुरू होने से पहले मुस्लिमजन कब्रिस्तान पहुंचकर इस दुनिया से रुखसत हुए अपने रिश्तेदारों के लिए फातिहा पढ़ी व फूल पेश किए।

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