- Hindustan Zinc workforce diversifies with 44% rise in LGBTQIA employees
- कंपनी ने विविध कार्यस्थल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्योग-अग्रणी समावेशी नीतियां बनायी
- हिन्दुस्तान ज़िंक ने रुकाॅलएचजेडएलयोरहोम अभियान के साथ एलजीबीटीक्यूआईए समावेशन के प्रति दोहराई प्रतिबद्धता
चित्तौड़गढ़। भारत की एकमात्र और विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक, हिन्दुस्तान जिंक ने अपने परिचालन में एलजीबीटीक्यूआईए कर्मचारियों की संख्या में 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि कंपनी की समावेशी नीतियों का परिणाम है, जो एक विविध और सुरक्षित कार्यस्थल बनाने के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अपनी इसी प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हुए, हिन्दुस्तान जिंक ने अपना प्राइड मंथ अभियान रुकाॅलएचजेडएलयोरहोम शुरू किया है। यह अभियान सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि लिंग और पहचान समानता की दिशा में कंपनी के सक्रिय कदमों को सामने लाता है। कंपनी ने एलजीबीटीक्यूआईए समुदाय को शामिल करने के लिए उद्योग की अग्रणी कार्यस्थल नीतियां अपनाकर एक मिसाल कायम की है। इनमें ट्रांसजेंडर कर्मचारियों के लिए 1 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता, लिंग पुनर्मूल्यांकन सर्जरी हेतु कर्मचारियों के लिए छुट्टी और मुआवजे की नीति के साथ लिंग पुनः पुष्टि के लिए 2 लाख रूपयों तक का प्रावधान शामिल है। इसके अतिरिक्त, कानूनी रूप से बच्चे को गोद लेने वाले एलजीबीटीक्यूआईए़ व्यक्तियों के लिए पितृत्व नीति और एलजीबीटीक्यूआईए समुदाय के कर्मचारियों के लिए विशेष आवास नीति भी बनाई गई है। ये पहल हिन्दुस्तान जिंक को विविधता और समावेशन के क्षेत्र में अग्रणी बनाती हैं।
पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान माने जाने वाले मेटल और माइनिंग क्षेत्र में, हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी विभिन्न व्यावसायिक इकाइयों में 23 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को नौकरी के अवसर दिए हैं। इन कर्मचारियों को कंपनी के भीतर मुख्यधारा की भूमिकाओं में महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व मिला है, जिनमें फाइनेंस, सप्लाई चेन, मार्केटिंग, मेडिकल और अन्य विभाग शामिल हैं। यह कदम कंपनी की समावेशी सोच को दर्शाता है। 4.0, डिजिटलीकरण, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन जैसी तकनीकी प्रगति ने कंपनी को मैनुअल श्रम को कम करने में मदद की है, जिससे यह क्षेत्र नौकरी रोजगार के लिए और अधिक आकर्षक बन गया है। हिन्दुस्तान जिं़क की डिजिटल खदानों में सतह-आधारित भूमिगत खनन (टेली-रिमोट) संचालन, रियल-टाइम एनालिटिक्स और ऑटोमेशन जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल हैं। ये सुविधाएँ इस तेजी से विकसित हो रहे उद्योग में बिना किसी लिंग भेदभाव के रोमांचक करियर विकल्प प्रदान करती हैं।
वेदांता लिमिटेड की नाॅन एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि, एलजीबीटीक्यूआईए़ समुदाय के कई व्यक्तियों के लिए, बाहरी दुनिया और कभी-कभी उनके अपने घर भी एक मंच की तरह महसूस हो सकते हैं, जहां उन्हें लगातार देखा जाता है, आंका जाता है और गलत समझा जाता है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक में, हम एक ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास करते हैं, जहां प्रत्येक व्यक्ति को महत्व दिया जाता है और उसे अपना वास्तविक रूप दिखाने का अधिकार दिया जाता है। यहां, आप सिर्फ एक कर्मचारी नहीं हैं। यहां वे एक परिवार का हिस्सा हैं, एक ऐसी जगह जिसे आप वास्तव में घर कह सकते हैं। हिन्दुस्तान ज़िंक को मेटल और मेन्यूफेक्चरिंग उद्योग में लैंगिक समानता की उच्चतम दर पर गर्व है। हमें अपने लोगों को कार्यस्थल पर घर जैसा माहौल देकर हम गौरवान्वित है।
इस अवसर पर विश्व के सबसे बड़े भूमिगत जिंक खनन परिचालन के केंद्र, रामपुरा आगुचा में सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजर के रूप में कार्यरत एलजीबीटीक्यूआईए़ कर्मचारी कौशल सिंह ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि शुरू में मुझे स्वीकार किए जाने को लेकर कुछ आशंका थी, लेकिन यहाँ की संस्कृति वास्तव में समावेशी है। लिंग-संवेदनशील नीतियों से लेकर मानसिक स्वास्थ्य सत्रों और निष्पक्ष भर्ती प्रथाओं तक, मैंने हमेशा खुद को देखा हुआ, सम्मानित और सशक्त महसूस किया है। मेरे सहकर्मी मुझे एक समान योगदानकर्ता के रूप में पहचानते हैं, और यह एक ऐसी जगह है जहाँ मेरी पहचान और विशेषज्ञता दोनों को वास्तव में महत्व दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान ज़िंक के सहयोग ने न केवल मुझे आगे बढ़ने में मदद की है, बल्कि मुझे दूसरों के लिए बात करने में भी सक्षम बनाया है। यह वास्तव में एक परिवर्तनकारी यात्रा रही है।
दुनिया की शीर्ष चांदी उत्पादक खदानों में से एक सिंदेसर खुर्द में स्टोर मैनेजर के रूप में काम करने वाले एक अन्य एलजीबीटीक्यूआईए़ कर्मचारी अंकित जादोन ने कहा कि, “हिंदुस्तान जिंक में, मैं किसी भी अन्य टीम के सदस्य की तरह ही सम्मानित, मूल्यवान और पूरी तरह से शामिल महसूस करता हूं। मुझे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सौंपी जाती हैं और किसी भी अन्य प्रोफेशनल्स की तरह ही सलाह दी जाती है, जिसमें मेरे विकास पर पूरा ध्यान दिया जाता है। समावेशी वातावरण और विचारशील नीतियाँ मुझे यहाँ सुरक्षित, प्रेरित और दीर्घकालिक करियर बनाने के लिए प्रतिबद्ध महसूस कराती हैं। यह एक ऐसा कार्यस्थल है जहाँ सम्मान और अवसर साथ-साथ मिलते हैं।”
हिन्दुस्तान जिंक का जिंक्लूजन इन हाउस प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य सभी प्रकार की विविधता को अपनाना है। इसमें एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोग, दिव्यांग व्यक्ति और विभिन्न भौगोलिक व जातीय समूहों से आने वाले कर्मचारी शामिल हैं। इस प्लेटफॉर्म का मुख्य लक्ष्य सभी कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और स्वागत योग्य कार्यस्थल बनाना है। जिंक्लूजन यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारियों को उनके लैंगिक रुझान या लिंग पहचान की परवाह किए बिना आगे बढ़ने के समान अवसर मिलें। जिंक्लूजन के माध्यम से, हिन्दुस्तान जिंक एक उच्च प्रदर्शन वाली और अभिनव संस्कृति बनाने का प्रयास कर रहा है, जो एक विविध कार्यबल की सामूहिक प्रतिभा से आगे बढ़ रही है।
वर्ष 2022 से, कंपनी ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए अपने भर्ती प्रयासों का विस्तार कर रही है, जो सम्मानजनक जीवन के लिए स्थायी आजीविका हासिल करने में चुनौतियों का सामना करते हैं। इस पहल के साथ, कंपनी का लक्ष्य बहुआयामी सोच और समग्र निर्णय लेने के लिए विनिर्माण उद्योग में स्वीकृति और समावेशिता की दिशा में आदर्श बदलाव लाना है। हिन्दुस्तान जिं़क का लक्ष्य अपने सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार वर्ष 2030 तक कार्यबल में 30 प्रतिशत विविधता हासिल करना है और वर्तमान में कार्यकारी कार्यबल में लिंग विविधता अनुपात लगभग 26 प्रतिशत है, जो मेटल और माइनिंग सेक्टर में विश्व में सबसे अधिक है।
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