17 साल पुराने विवाद मे हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने नगरपालिका फतेहनगर सनवाड़ पर लगाई 5 लाख की कॉस्ट एवं 45 दिन में खसरा न.1219 में से जमीन देने के दिए आदेश करोड़ो की जमीन है 17 साल बाद आया फैसला
चित्तौड़गढ़। राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की बैंच ने 17 साल पुराने जमीन विवाद को लेकर नगरपालिका फतेहनगर सनवाड़ पर लगाई 5 लाख की कॉस्ट एवं 45 दिन में खसरा न.1219 मैसे जमीन देने के दिए आदेश जारी किया।
हाई कोर्ट अधिवक्ता कल्पतरू त्रिपाठी ने बताया कि अपीलार्थी राजकुमार कोठारी,शिवानी कोठारी एवं मयंक कोठारी की और से अधिवक्ता रवि भंसाली एवं अधिवक्ता कल्पतरु त्रिपाठी ने पैरवी की थी।
– यह हुआ आदेश
परिणामस्वरूप, यह अपील स्वीकार की जाती है और विद्वान एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश को उस हद तक रद्द किया जाता है, जिस हद तक अपीलकर्ता आबादी भूमि के विनिर्देशन के संबंध में समान आकार की भूमि के आवंटन के हकदार हैं, जैसा कि उनके पत्रों (अनुलग्नक.10 और अनुलग्नक.11) में कहा गया है, अर्थात आवादी भूमि जो “सनवाड़ फतेहनगर रोड साइड” पर स्थित है। खसरा संख्या 1219 में आबादी भूमि के समतुल्य एक टुकड़े की उपलब्धता के आधार पर।विवादित नहीं है, लंबे समय से चले आ रहे विवाद, उत्पीड़न को ध्यान में रखते हुए जो अपीलकर्ताओं पर पड़ा है और वे वैकल्पिक भूमि के एक टुकड़े से वंचित रहे हैं, इस तथ्य के बावजूद कि उन्होंने सार्वजनिक भावना से काम किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए कि भूमि का आवंटन तुरंत हो, हम प्रतिवादी-नगर निगम बोर्ड को खसरा संख्या 1219 में खाली भूमि के समतुल्य टुकड़े को आवंटित करने का निर्देश देते हैं। आवंटन पत्र 45 दिनों के भीतर जारी किया जाएगा, किसी भी मामले में। प्रतिवादी संख्या 2 और 3 को भी अपीलकर्ताओं को उसी अवधि के भीतर 50 हज़ार रुपये का भुगतान करना होगा। अपील तदनुसार स्वीकार की जाती है और उपरोक्त वर्णित सीमा तक।
– यह था मामला
अधिवक्ता कल्पतरु त्रिपाठी जो कि हाई कोर्ट जोधपुर में कार्यरत है ने बताया कि सन 2008 में अपीलार्थी की जमीन खसरा न 1036 व 1037 ग्राम सनवाड़ में से 13237 स्क्वायर फीट जमीन नगरपालिका द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य के डॉक्टर के क्वार्टर निर्माण के लिए ली गई थी तथा अपीलार्थी को आश्वस्त किया की उनको आबादी भूमि फतेहनगर सनवाड़ रोड पर दी जाएगी। लेकिन जमीन सरेंडर करने के उपरांत नगरपालिका ने एक रेजोल्यूशन निकाल कर अपीलार्थी को जमीन देने से मना कर दिया।
तत्पश्चात् अपीलार्थी ने अधिवक्ता कल्पतरू त्रिपाठी के माध्यम से हाई कोर्ट में एक रीट पिटीशन न. 3782/2010 दायर की जिसमें हाई कोर्ट की एकल पीठ ने दिनांक 6/11/2023 को नगरपालिका को अपीलार्थी को आबादी जमीन देने का आदेश किया परन्तु उक्त आदेश में जमींन कहा दी जाएगी उसकी लोकेशन का उल्लेख नहीं होने की वजह से अपीलार्थी ने डिवीज़न बेंच में स्पेशल अपील रिट न. 1179/2024 दायर की जिसमे दिनांक 21/05/2025 को माननीय हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने स्पेशल अपील रिट को स्वीकार करते हुए नगरपालिका फतेहनगर सनवाड़ पर 5 लाख रुपयो की कॉस्ट लगाई एवं 45 दिन में खसरा न.1219 मैसे जमीन देने के दिए आदेश जारी किया।
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