For the first time a child’s cry resonated in the child welfare committee’s crèche
चित्तौड़गढ़। मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई जहां एक कलयुगी मां ने अपने नवजात बच्चें को छोड़ने का मानस बना दिया, सुखद बात यह रही कि उसे कही फैंकने के बजाय बाल कल्याण समिति में लगे पालना गृह में छोड़ दिया, जिससे अब बच्चें की परवरिश समिति द्वारा की जाएगी। शहर के पंचवटी स्थित बाल कल्याण समिति में गुरूवार को उस समय खुशी की लहर दौड़ पड़ी जब परिसर में लगे पालना गृह की घंटी बजी। समिति कें मौजूद सदस्यों ने जब पालना गृह में जाकर देखा को नवजात की किलकारी गूंज रही थी। नवजात बच्चें को तुरंत चिकित्सालय ले जाया गया, जहां बच्चें का स्वास्थ्य परीक्षण करने पर स्वस्थ पाया गया। 4 से 5 दिन के इस नवजात को राजकीय किशोर संप्रेषण गृह के अशोक सेन द्वारा परवरिश के लिये बाल कल्याण समिति अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल को सुपुर्द किया गया, जहां बच्चें का लालन पालन किया जाएगा। अब तक नवजात बच्चों को उनके कलयुगी परिजनों द्वारा जिला चिकित्सालय में स्थित पालना गृह में छोड़ा जा रहा था, लेकिन बाल कल्याण समिति परिसर में बने पालना गृह को तीन साल हो गये, जहां पहली बार नवजात की किलकारी गूंजने से समिति सदस्यों में उत्साह का माहौल है। उनका मानना है कि पहले नवजात को झांड़ियो मेें मरने के लिये छोड़ दिया जाता था, लेकिन पालना गृह बनने के बाद लोगों में जागरूकता आने से नवजात को पालना गृह में छोड़ने से उनको नया जीवन दान मिल रहा है। इस मौके पर समिति सदस्य सीमा भारती, शिव दयाल लखावत, ओम प्रकाश लक्ष्यकार, नीता लौठ मौजूद थे।
यह खबरें भी पढ़ें…
विश्व पर्यावरण दिवस- हिन्दुस्तान ज़िंक 3.32 गुना वाटर पॉजिटिव कंपनी बनी
विश्व पर्यावरण दिवस पर पोस्टर एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन
जिंक स्मेल्टर में मियावाकी मिनी फॉरेस्ट है पर्यावरण संरक्षण के लिए नया कदम