काश्तकारों को डोडा चूरे का मिले मुआवजा: विधायक आक्या

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  • चार वर्ष का डोडा चूरा नष्टीकरण अफीम काश्तकारों पर अत्याचार

चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने मंगलवार को विधानसभा सदन में विधानसभा नियमों के नियम 295 के तहत विशेष उल्लेख प्रस्ताव पर बोलते हुए डोडा चूरे का मुआवजा देने की मांग की।
विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने विधानसभा सदन में सरकार के चार वर्ष के डोडा चूरा नष्टीकरण के आदेश को किसानों को परेशान करने वाला बताते हुए कहा कि डोडा चूरा नष्टीकरण का कार्य राजस्थान सरकार है परन्तु काश्तकारों द्वारा डोडा चूरे के सडने व किडे पडने के कारण डोडे चूरे को अपने खेतों में बिखेर कर नष्ट कर दिया। दैनिक पत्रिकाओं में प्रकाशित सूचना अनुसार राजस्थान सरकार के आदेश पर जिला आबकारी अधिकारी चित्तौड़गढ़ ने 18 जनवरी 2023 को सभी अफीम काश्तकारों को सूचित किया है कि वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 व 2021-22 का डोडा चूरा लेकर नियत तिथि को निर्धारित केम्प स्थल पर डोडा चूरा नष्टीकरण हेतु पहुंच जाये।
विधायक आक्या ने बताया कि डोडा चूरा समय के साथ स्वतः खराब हो जाता है तथा चोर और लुटेरों के डर के कारण लम्बे समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। विशेष रूप से बारिश के दिनों में नमी से सडने पर कीडे-मकोडे, जहरिले जीव-जन्तु पनपने लगते है जो मानव जीवन के लिए अति घातक है। विगत चार वर्षों से फसल का डोडा चूरा काश्तकारों ने अपने स्तर पर खेतों में जलाकर एवं बिखेर कर नष्ट कर दिया है। अफीम काश्तकार चाहते है कि उनको डोडा चूरे का मुआवजा मिले, इसके लिए रुपये 1200/- प्रति किलो के हिसाब से खरीद की मांग कर रखी है। पूर्व के वर्षों में ठेकेदार द्वारा किसानों से डोडा चूरे की खरीद की जाती थी जो किसान के जीविकोपार्जन में लाभकारी होती थी। किसान चाहते है कि डोडा चूरा जलाने के बजाय खेतों में ही डाला जाये ताकि इसकी वर्मी कम्पोस्ट खाद बन सके।

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